Post Office की 5 कमाल की स्कीम, निवेश के बाद मिलता है तगड़ा ब्याज –

Post office Schemes:- भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा रेपो रेट घटाने के बाद सभी सरकारी और निजी बैंकों ने फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) पर मिलने वाले ब्याज में कटौती कर दी है। इसके चलते अब FD पर कम रिटर्न मिल रहा है। ऐसे में अगर आप FD से ज्यादा रिटर्न चाहते हैं तो पोस्ट ऑफिस की बचत योजनाओं का रुख कर सकते हैं। हम आपको पोस्ट ऑफिस की 5 बचत योजनाओं के बारे में बता रहे हैं, जहां आप निवेश कर बैंक FD से ज्यादा रिटर्न पा सकते हैं। आइए जानते हैं उन निवेश योजनाओं के बारे में।

सुकन्या समृद्धि योजना

सुकन्या समृद्धि योजना, जिसमें न्यूनतम निवेश 250 रुपये और अधिकतम निवेश 1.5 लाख रुपये प्रति वर्ष है, पर 8.20% की दर से ब्याज मिल रहा है। इस योजना में लड़की के नाम खाता खोलने की अनुमति है और धारा 80सी के तहत टैक्स छूट मिलती है। खाता खोलने की तारीख से 15 वर्ष तक जमा किया जा सकता है।

वरिष्ठ नागरिक बचत योजना

वरिष्ठ नागरिक बचत योजना (SCSS) भारत सरकार द्वारा 60 वर्ष या उससे अधिक आयु के व्यक्तियों के लिए एक सरकारी बचत योजना है। वरिष्ठ नागरिक बचत योजना, जिसमें न्यूनतम निवेश 1,000 रुपये और अधिकतम निवेश 30 लाख रुपये है पर 5 साल की जमाराशि पर 8.20% की दर से ब्याज मिल रहा है। यह धारा 80सी के तहत कर लाभ भी प्रदान करती है। योजना की अवधि 5 वर्ष है, जिसे 3 और वर्षों के लिए बढ़ाया जा सकता है।

पब्लिक प्रोविडेंट फंड (PPF)

पब्लिक प्रोविडेंट फंड, जिसमें न्यूनतम निवेश 500 रुपये और अधिकतम निवेश 1.5 लाख रुपये प्रति वर्ष है। इस पर अभी 7.10% की दर से ब्याज मिल रहा है। इसकी अवधि 15 साल है और यह धारा 80सी के तहत कर लाभ के साथ-साथ कर मुक्त रिटर्न भी प्रदान करता है। PPF खाते में ऋण और आंशिक निकासी की सुविधा भी उपलब्ध है।

किसान विकास पत्र

किसान विकास पत्र में न्यूनतम 1,000 रुपये का निवेश किया जा सकता है और अधिकतम निवेश की कोई सीमा नहीं है। इस पर 7.50% की ब्याज दर मिलती है। निवेश को 2.5 साल बाद भुनाया जा सकता है और इसमें कोई कर लाभ नहीं मिलता है। कोई भी भारतीय नागरिक या नाबालिग किसान विकास पत्र खरीद सकता है।

5-वर्षीय एनएससी 

5-वर्षीय एनएससी, जिसमें न्यूनतम निवेश 1,000 रुपये है और अधिकतम निवेश की कोई सीमा नहीं है। इस पर 7.70% की दर से ब्याज मिल रहा है। यह धारा 80सी के तहत कर लाभ प्रदान करता है और इसमें कोई टीडीएस कटौती नहीं होती है। यह योजना भारत सरकार द्वारा समर्थित है, इसलिए यह सुरक्षित निवेश का एक विकल्प है। कुछ शर्तों के तहत समयपूर्व निकासी की भी अनुमति है, लेकिन ब्याज दर कम हो जाती है।

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